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रावी दे कंडे : एक बाप की व्यथा जो लाचार हो जाता है अपने परिवार की इज्जत बचाने के लिए

Entertainment Desk

 Movie Review : Raavi De Kande

कलाकार : पंकज कपूर और इनके साथ हरीश वर्मा, संदीप कौर सिद्धू, धीरज कुमार, सीमा कौशल, सुनीता धीर, बी.एन. शर्मा, सुखी चहल, नवदीप कलेर, टीशा कौर, अरविंदर कौर, सैमुअल जॉन, मेहर गिल, प्रकाश गढ़ू, साहब सिंह, गुरप्रीत भंगू, नरिंदर गक्खड़ और लक्की धालीवाल.

निर्माता : जितेंद्र चौहान और संदीप कौर सिद्धू.

निर्देशक : हैरी भट्टी

रेटिंग : 3 / 5

‘रावी दे कंडे’ एक पारिवारिक फैमिली ड्रामा फिल्म है. जो परिवार को जोड़े रखने और सामाजिक बुराइयों के साथ साथ एक सीधे-साधे इंसान को कैसे बेवकूफ और झुकाया जाता है इसका जीता जागता उदाहरण है. जिसके निर्माता हैं जितेंद्र चौहान और संदीप कौर सिद्धू और इस के निर्देशक है हैरी भट्टी.

फिल्म की शुरुआत होती है रावी नदी के किनारे रहने वाले एक सीधे-साधे इंसान चमन लाल से. जो अपने परिवार के साथ हंसी-खुशी के साथ रह रहा होता है. उसकी दो बेटियों का रिश्ता तय हो जाता है, फिर एक दिन अचानक उसकी छोटी बेटी एक झूठी अफवाह का शिकार हो जाती है जिसके कारण पूरे परिवार की छवि धूमिल हो जाती है. यहीं से शुरुआत होती है चमन लाल और उसके परिवार पर संकटों का पहाड़ टूट पड़ता है. यहां तक की दोनों बेटियों का रिश्ता भी टूट जाता है. इसी बीच एक सरकारी अधिकारी सिकंदर का उनके घर आना होता है और उसके मार्गदर्शन से और उसकी सूझबूझ से उसे पता चलता है कि सच्चा सुख आंतरिक शांति में है, न कि समाज के निर्णय में. यह ज्ञान उसकी आशा को पुनर्जीवित करता है और उसकी बेटियों के भविष्य को फिर से बनाने में मदद करता है.

अगर अभिनय की बात करें तो पूरी फिल्म में पंकज कपूर छाए रहे. उनका अभिनय सबसे उम्दा और सहज रहा. संदीप कौर सिद्धू, अरविंदर कौर और टीशा कौर का अभिनय अच्छा लगा. हरीश वर्मा और धीरज कुमार को ज्यादा कुछ करने को नहीं मिला. बाकी सब कलाकारों का अभिनय औसत दर्जे का रहा.

बात करे मूवी के गानों की तो ‘कुड़ियां ते चिड़िया दा रब्बा’ पहले ही हिट हो चुका है और ‘डोली शागना दी’ सॉन्ग भी शादी ब्याह की वीडियो में सुना जा सकता है.

चलते चलते अब बात करेंगे मूवी की रेटिंग कि आप सोच रहे होंगे, सब कुछ अच्छा है तो फिर 5 में से हमने 3 स्टार क्यों दिए.? एक अच्छी कहानी के होते हुए भी फिल्म आपको बीच-बीच में बोरियत करती है. यदि निर्देशक ध्यान देते तो फिल्म की गति को बढ़ाया जा सकता था और फिल्म की लेंथ को थोड़ा छोटा किया जा सकता था. जिससे मूवी मिल का पत्थर साबित होती. फिर भी यदि आप पुराने कलाकार पंकज कपूर के फैन हैं तो आप अपने परिवार के साथ ‘रावी दे कंडे’ मूवी देख सकते हैं.


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