
-एस.पी.चोपड़ा : लेखक, गीत, गायक सागर भाटिया द्वारा गाया न्यू सॉन्ग ‘राजदारियाँ’ रिलीज हो गया है. इस गीत के बोल गिनी दीवान ने लिखे हैं. इसे गौरव चटर्जी ने कंपोज़ किया है. यह ट्रैक प्रतिभाशाली निर्देशक राज मेहता के निर्देशन में बना है. इस सॉन्ग में अभिनय किया है, अभिनेत्री प्राजक्ता कोली और तारुक रैना ने. दोनों ने मिलकर सॉन्ग में जी-जान से मेहनत की है. उन्होंने मिलकर झिझक और नाजुक भावनाओं में लिपटे प्यार की सच्ची तस्वीर पेश की है. उनके विस्तृत चित्रण और राज मेहता के माहिर निर्देशन ने इस गाने की भावनात्मक गहराई को बखूबी पर्दे पर उतारा है, जिससे प्यार और नाजुकता के विषय उभरकर सामने आए हैं.
‘राजदारियाँ’ ठहराव, अनकहे लम्हों और अनकही रह गई हर बात के वजन के साथ आगे बढ़ता है. अपने भावुक कंपोज़िशन और जबरदस्त सागर वाली कव्वाली अभिनय के लिए मशहूर, सागर इस ट्रैक में शुद्ध ऊर्जा लेकर आए हैं, जो कव्वाली के रचनात्मक दायरे बढ़ाते हुए इसे एक आधुनिक अंदाज में पेश करती है.
‘राजदारियाँ’ के गायक सागर भाटिया ने कहा, ‘‘राजदारियाँ में उन भावनाओं को प्रतिबिंबित किया गया है, जो हम सभी महसूस करते हैं, लेकिन कह नहीं पाते, इसलिए यह बहुत निजी गीत है. मैं सूफी संगीत के सार के साथ एक कमर्शियल गीत बनाना चाहता था, इसलिए मुझे अपने दायरों को काफी बढ़ाना पड़ा. इस गाने को मैंने महसूस किया है और मुझे पता है कि लोग इसमें अपनी खुद की कहानी को महसूस करेंगे. इसमें प्राजक्ता और तारुक ने उस रिश्ते और ऊर्जा में जान डाल दी, जो बहुत खास है. उन्होंने इसकी हर धड़कन, हर खामोशी और हर अनकहे शब्द को महसूस किया है.”
प्राजक्ता कोली ने कहा, मुझे वो कहानियाँ पसंद हैं, जो खत्म होने के बाद भी लंबे समय तक दिलों में समाई रहती हैं. राजदारियाँ ऐसी ही एक कहानी है. यह एक शुद्ध, खूबसूरत और दिल में उतर जाने वाली हकीकत है. राज सर के साथ शूटिंग में बहुत मजा आता है. तारुक के साथ काम करना बहुत खास था क्योंकि वह बहुत आसानी से इस भावना में उतर गया. जिया और अमन के किरदार हमने पहले कभी नहीं निभाए थे, इसलिए यह हमारे लिए एक रोमांचक चुनौती थी और सागर की आवाज़ के तो क्या कहने, यह आपके दिल में बस जाती है.
तारुक रैना ने कहा, राजदारियाँ में मुझे यह बहुत अच्छा लगा कि इसमें उन सभी बातों का चित्रण है, जो हमें अपने जज़्बातों का इजहार करने से रोकती हैं. हम सभी उस दौर से गुजरे हैं. इस गाने की शूटिंग करना बिल्कुल असली के जैसा था, जैसे हम कोई किरदार नहीं निभा रहे थे, बल्कि एक निजी लम्हे से गुजर रहे थे. सागर ने अपने संगीत में जिस खूबसूरती से इस भावना को उतारा है, वह काबिले-तारीफ है.