
-एस.पी. चोपड़ा : केरल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए चंडीगढ़ के ललित होटल में एक प्रोग्राम आयोजित किया गया. जिसमें केरल की पारंपरिक कलाओं का शानदार प्रदर्शन किया गया. इस आयोजन में थेय्यम, मोहिनीअट्टम, कथकली और कलारीपयट्टु की अद्भुत प्रस्तुतियों ने 200 से अधिक दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.
केरल पर्यटन विभाग अब अपने पर्यटन अभियान में बदलाव करते हुए केवल समुद्र तटों और बैकवाटर्स से आगे बढ़कर राज्य की सांस्कृतिक विविधता को भी बढ़ावा दे रहा है. पर्यटन मंत्री पी.ए. मोहम्मद रियास ने इस पर जोर देते हुए कहा, “हम केरल को एक परस्पर जुड़े पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना चाहते हैं, जहां पर्यटकों को हाउसबोट और एडवेंचर एक्टिविटीज़ से लेकर सांस्कृतिक और ऐतिहासिक अनुभवों तक की विस्तृत श्रृंखला मिल सके.”
इस तरह के आयोजनों के माध्यम से केरल पर्यटन विभाग राज्य को एक संपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित कर रहा है, जो प्रकृति, रोमांच और संस्कृति का अनूठा संगम प्रदान करता है , बताया केरल टूरिज्म की डायरेक्टर आई ए एस सिखा सुरेंद्रन ने.
इसके बाद फिर दौर शुरू हुआ केरल की संस्कृत और पारंपरिक कलाओं और नृत्य का. कार्यक्रम में मोहिनीअट्टम, जो भगवान विष्णु के स्त्री अवतार “मोहिनी” से प्रेरित है. पारंपरिक सफेद और सुनहरे परिधानों में सजी नृत्यांगनाओं ने अपनी कोमल और मनमोहक भाव-भंगिमाओं से दर्शकों को मोह लिया.
इसके बाद, थेय्यम की प्रस्तुति हुई, जो अपने विस्तृत मुखौटे और नाटकीय कहानी कहने की शैली के लिए प्रसिद्ध है. इसी क्रम में कथकली, जो अपने हरी मुखाकृति (ग्रीन-फेस मेकअप) और गहन भाव-भंगिमाओं के लिए जाना जाता है, ने दर्शकों को रोमांचित किया. कार्यक्रम में कलारीपयट्टु, भारत की सबसे प्राचीन मार्शल आर्ट, ने भी अपनी जबरदस्त युद्धक तकनीकों का प्रदर्शन किया.
केरल में प्राकृतिक सुंदरता के चरम का आनंद लेने के लिए ये हैं 8 बेहतरीन जगहें अलेप्पी, कोचीन, मुन्नार, कोवलम, कुमारकोम, पलक्कड़, थेक्कडी और वायनाड. भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक होने के नाते, केरल अपने खूबसूरत भूभाग और पर्यटकों के आकर्षण के कारण सही मायने में अपने नाम – भगवान का अपना देश – के लिए प्रसिद्ध है. एक तरफ एलेप्पी और कुमारकोम के खूबसूरत बैकवाटर और दूसरी तरफ मुन्नार और वायनाड की पहाड़ियाँ, केरल में इससे ज़्यादा आकर्षक कोई जगह नहीं है. अपने खूबसूरत समुद्र तटों, सुखद जंगलों और समृद्ध संस्कृति के कारण, यह उन पर्यटकों के लिए एक स्वप्निल गंतव्य है जो रोमांच या आराम करना चाहते हैं. संस्कृति, अध्यात्म और इतिहास के नाम पर या वन्यजीवों के साथ बातचीत या फिर खूबसूरत परिदृश्य बैकवाटर, वन्य जीवन, केरल में घूमने की जगहें, ऐतिहासिक स्मारक और इसी तरह, केरल में ऐसे रोमांच हैं जो अविस्मरणीय हैं.
