
Sitaare Zameen Par Movie Review : आमिर खान की फिल्मी ‘सितारे जमीन पर’ आज रिलीज हो गई है जिस का दर्शकों को बेसब्री से इंतजार था. फिल्म देखकर दर्शकों को एक बार फिर यकीन दिला दिया की सिनेमा सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं है बल्कि सामाजिक संदेश देने का भी जरिया है. यह फिल्म 2007 की सुपरहिट फिल्म ‘तारे ज़मीन पर’ की सीधी सीक्वल नहीं है लेकिन इसे एक प्रज्वल सीक्वल कहा जा सकता है और इसकी वजह फिल्म की आत्मा में छिपी है.
‘सितारे जमीन पर’ एक स्पेनिश फिल्म चैंपियन की आधिकारिक रीमेक है. लेकिन भारतीय सामाजिक और भावनात्मक परिपेक्ष में इसे बखूबी ढाला गया है. दिव्य निधि शर्मा द्वारा लिखित पटकथा दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देती है कि हम एक जैसे होते हुए भी कितने अलग हैं और किस तरह हमारी सोच ही समाज में भेदभाव को जन्म देती है.
निर्देशक आर एस प्रसन्ना ने फिल्म को निर्देशित किया है और उन्होंने इस फिल्म की आत्मा को लेकर कहा कहानी और किरदार पूरी तरह बदल गए हैं लेकिन भावना और उद्देश्य वही है जो तारे जमीन पर में था. फिल्म में सामाजिक भेदभाव और मानसिक रूप से विशेष बच्चों को केंद्र में रखा गया है फिल्म की खास बात यह है की फिल्म में डाउन टू अर्थ पीड़ित बच्चों ने अभिनय किया है और उन्होंने अपनी सादगी और ऊर्जा से फिल्म को बेहद ही खास बना दिया है.
फिल्म के निर्देशक का कहना है की उनकी पत्नी ने फिल्म देखने के बाद कहा ‘यह फिल्म एक फिल्म नहीं है यह एक एनर्जी है, जो आप उन सितारों से ले रहे हो’. यहां सितारे शब्द का प्रयोग उन बच्चों के लिए किया गया है जिन्होंने अभिनय के जरिए इस फिल्म में जान डाली है.
आखिरकार आमिर खान ने इस फिल्म के जरिए एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह सिर्फ एक अभिनेता नहीं बल्कि सामाजिक सरोकारों को समझने और उन्हें सिनेमा के माध्यम से प्रस्तुत करने वाले एक सच्चे कलाकार हैं उन्होंने अभिनय में हमेशा की तरह सच्चाई संवेदना और गहराई देखने को मिली है. फिल्म में आमिर खान के अलावा जेनेलिया डिसूजा के साथ आरुष दुत्ता, गोपीकृष्ण वर्मा, वेदांत शर्मा, नमन मिश्रा, ऋषि साहनी और ऋषभ जैन शामिल है. यह सभी चुनौतियों लेने वाले बच्चों का रोल कर रहे हैं और इनका अभिनय काबिले तारीफ है.
तो फिर हो जाइए तैयार इस वीकेंड पर अपने परिवार के साथ ‘सितारे जमीन पर’ को देखने के लिए. जो आपको जरूर पसंद आएगी. जो आपके दिल को छू लेगी.